राजेश गुलाटी ने अनुपमा गुलाटी के 72 #टुकड़े किए और D फ्रीजर में रक्खा आफताब ने श्रद्धा के 35 टुकड़े
शव के टुकड़ों को फेंक ऊपर से डाली मिट्टी सूटकेस और बाल्टी को घसीटते हुए जंगल में 200 मीटर अंदर वन विभाग की चौकी के पीछे जा पहुंचा। एक जगह सिर और पंजे और उससे कुछ दूरी पर दूसरी जगह धड़ का हिस्सा फेंक दिया। उससे करीब 50 मीटर अंदर तीसरी जगह पर पैरों के साथ ही शरीर के अन्य हिस्से फेंक दिए। इसके बाद बाल्टी में मिट्टी भरकर शव के पाट्र्स को दबा दिया।
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किस गुरु की शिक्षा मिलती है इनको पढ़ लिख कर इंजीनियर बनने के बाद भी अपनी ही मांई काकी सरोज देवी (62) ने अपने जेठ के बेटे अनुज शर्मा को एक धार्मिक कार्यक्रम में जाने से रोका तो वह तैश में आ गया और उनकी हत्या कर दी।
ग्राउंड रिपोर्टश्रद्धा हत्याकांड से सीखा शव को ठिकाने लगाना:ताई की बॉडी काटने के लिए 1500 का कटर खरीदा, जयपुर में 10 किमी दूर जंगल में दबाया
जयपुर में ताई की हत्या करने वाले अनुज शर्मा उर्फ अचिंत्य गोविन्द दास (32) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने दिल्ली के सनसनीखेज श्रद्धा मर्डर केस से बॉडी को ठिकाने लगाने का तरीका सीखा। शव को बाथरूम में रखकर मार्बल कटर से 8 टुकड़े किए। उसके बाद एक बैग में भरकर दिल्ली रोड पर लेकर गया। तीन अलग-अलग जगह बॉडी के टुकड़ों को मिट्टी में दबाया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर बॉडी के टुकड़ों, मार्बल कटर, बाल्टी, चाकू, कार सहित अन्य सामान को बरामद किया है।
DCP (नॉर्थ) परिस देखमुख ने बताया कि विद्याधर नगर के सेक्टर-2 स्थित लालपुरिया अपार्टमेंट में सरोज शर्मा (64) पत्नी राधेश्याम शर्मा का मर्डर हुआ है। इस मामले में उनके देवर के बेटे अनुज शर्मा पुत्र बद्रीप्रसाद को गिरफ्तार किया गया है।
पूछताछ में पुलिस को अनुज ने जो कुछ बताया, पढ़िए उसी की जुबानी...
ताई की हत्या मैंने हथौड़ा से मारकर कर दिया। इसके बाद शव ठिकाने लगाने को लेकर कुछ देर सोचता रहा। इसके बाद मुझे दिल्ली का श्रद्धा हत्याकांड याद आया। मैंने तय कर लिया कि श्रद्धा हत्याकांड की तरह ही शव के टुकड़े कर ठिकाने लगाने हैं। शव को रसोई से घसीटकर बाथरूम में ले गया। बाथरूम को बाहर से लॉक कर दिया। खून से मेरे पूरे कपड़े सने थे। पहले मैंने कपड़े बदले।
1500 रुपए में मार्बल कटर लाया
कपड़े बदलकर फ्लैट को लॉक कर सेक्टर-1 विद्याधर नगर से बड़ा चाकू खरीदने गया। चाकू लाकर बाथरूम में बॉडी को काटना शुरू किया। हडि्डयों के कारण बॉडी को काटने में दिक्कत हो रही थी। तब वापस बाजार गया और अल्का सिनेमा के पास सीकर रोड स्थित हार्डवेयर की दुकान से 1500 रुपए में मार्बल कटर खरीदकर लाया। मार्बल कटर से ताई के शव के 8 टुकड़े किए। छोटे टुकड़ों को नाले में पानी डालकर बहा दिया। बॉडी के टुकड़ों को सूटकेस में पैक किया। कुछ पार्ट को प्लास्टिक की बाल्टी में डालकर ऊपर से पॉली बैग से पैक किया। शव ठिकाने लगाने के लिए घर से निकल रहा था, तभी मेहमान आ गए। वो कुछ देर रुके, लेकिन शक नहीं हुआ। मेहमानों के जाने के बाद दोपहर करीब 3:42 पर सूटकेस और बाल्टी लेकर लिफ्ट में तीसरी मंजिल से नीचे आया।
गूगल मैप लगाकर पहुंचा जंगल
कार की पिछली सीट पर सूटकेस और बाल्टी को ड्राइवर साइड की सीट पर रखा। अपार्टमेंट से निकलने के बाद ही मोबाइल में गूगल मैप लगाया। सुनसान जगह के लिए सीकर हाईवे पर गया। गूगल मैप से घर से करीब 10 किलोमीटर दूर दिल्ली रोड पर पहुंचा। दिल्ली रोड स्थित जंगलों को देखकर बॉडी के टुकड़ों को फेंकने के लिए रुक गया।
शव के टुकड़ों को फेंक ऊपर से डाली मिट्टी
सूटकेस और बाल्टी को घसीटते हुए जंगल में 200 मीटर अंदर वन विभाग की चौकी के पीछे जा पहुंचा। एक जगह सिर और पंजे और उससे कुछ दूरी पर दूसरी जगह धड़ का हिस्सा फेंक दिया। उससे करीब 50 मीटर अंदर तीसरी जगह पर पैरों के साथ ही शरीर के अन्य हिस्से फेंक दिए। इसके बाद बाल्टी में मिट्टी भरकर शव के पाट्र्स को दबा दिया।
पड़ोसियों के साथ तलाश करने का नाटक किया
बॉडी को ठिकाने लगाने के बाद मैं सूटकेस और बाल्टी को वापस घर लेकर आया। घर आने के बाद रसोई और बाथरूम में खून के धब्बों को वॉशिंग पाउडर से घिस-घिसकर साफ किया। उसके बाद पड़ोसियों को ताई के गुम होने की झूठी कहानी बनाकर सुना दी। पड़ोसियों को कहा कि दोपहर करीब 2-3 बजे ताई सरोज शर्मा मंदिर गई थीं। वह मिल नहीं रही हैं। उनके साथ मिलकर कॉलोनी और रिश्तेदारों के यहां तलाश करने का नाटक किया। रात को थाने जाकर ताई सरोज देवी की गुमशुदगी दर्ज करवाई।
पिता बेटी के साथ गए थे इंदौर
ADCP (नॉर्थ) धर्मेन्द्र सागर ने बताया कि आरोपी के पिता ब्रदीप्रसाद 10 दिसम्बर को बेटी शिवी को लेकर उसकी शादी के रिश्ते की बात करने इंदौर गए थे। घर पर अनुज और उसकी ताई सरोज थे। 11 दिसम्बर की सुबह करीब 10:30 बजे ताई सरोज शर्मा रसोई में काम कर रही थी। अनुज ने बोला कि मैं दिल्ली कीर्तन में जा रहा हूं। ताई ने उसे दिल्ली जाने से मना कर दिया। इस बात पर दोनों में कहासुनी हो गई। गुस्से में आकर अनुज कमरे में रखा लोहे का बड़ा हथौड़ा उठा लाया और सरोज देवी के सिर पर 5-6 वार किए। लहूलुहान होकर ताई निढाल होकर जमीन पर गिर पड़ी।
पति की मौत के बाद साथ रहती थी ताई
अनुज शर्मा विकासपुरी आनन्द नगर अजमेर का रहने वाला है। उसके पिता ब्रदीप्रसाद (65) PNB जयपुर ब्रांच से AGM के पोस्ट से रिटायर हैं। एक बहन शिवी (33) है। 1995 में ताऊ की मौत के बाद से ही ताई सरोज देवी उनके साथ जयपुर फ्लैट में साथ रहती थीं। सरोज देवी की बेटी पूजा (38) शादी के बाद बीकानेर और मोनिका (40) अजमेर अपने ससुराल में रहती हैं। सरोज देवी का बेटा अमित कनाड़ा में सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब करता है। आरोपी की मां अनुराधा की कोविड की सेकेंड वेव में मौत हो गई थी।
खून साफ करते बहन ने देखा
मर्डर के अगले दिन 12 दिसंबर को आरोपी के पिता और बहन भी घर लौट आए। इसके बाद उसने ताई की बेटी पूजा को कॉल कर बताया कि वह कहीं चली गई है। उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट विद्याधर नगर थाने में करवा दी है। मां के लापता होने की जानकारी मिलते ही अजमेर से मोनिका चाचा के घर आई। 13 दिसम्बर को मोनिका ने देखा अनुज दीवार पर लगे खून के धब्बे को साफ कर रहा था। मोनिका को देखकर वह घबरा गया। पूछने पर बोला, मुझे नकसीर आ गई थी। जो दीवार पर लग गई, उसके खून को साफ कर रहा हूं।
शक होने पर बनाई नई कहानी
शक होने पर एक कहानी गढ़कर बहन को सुना दी। बोला कि, दोपहर का खाना बनाते समय ताई से झगड़ा हो गया था। ताऊ ने हाथ उठाया तो उसने धक्का दे दिया। ताई का सिर किचन के स्लैब से लगने से खून बहने लगा। इसके बाद ताई गुस्से में घर छोड़कर चली गईं। कहानी सुनाने के बाद अमित हरिद्वार जाने की कहकर निकल गया।
हरिद्वार से आते ही पुलिस ने पकड़ा
मोनिका ने अपनी छोटी बहन पूजा को कॉल कर बताया। इस पर पूजा भी अपने पति के साथ 15 दिसंबर को बीकानेर से चाचा के घर पहुंची। घर में लगे CCTV फुटेज को देखा तो उसमें अनुज बड़े सूटकेस और बाल्टी लेकर घर से निकलते दिखा। देर शाम को वापस सूटकेस और बाल्टी लेकर वापस आते दिखा। चचेरे भाई पर मां की हत्या का पूरा शक होने पर दोनों बहनों ने शुक्रवार शाम थाने पहुंचकर मामला दर्ज करवाया। इसी दौरान चचेरा भाई अनुज हरिद्वार से जयपुर आ गया। अनुज के घर पहुंचने का पता चलते ही पुलिस ने उसे राउंडअप कर लिया।
बॉडी के टुकड़े बरामद
ADCP (नॉर्थ) धर्मेन्द्र सागर ने बताया कि पुलिस ने अनुज से पूछताछ की तो उसने गुमराह करने की कोशिश की। सख्ती करने पर मर्डर करना कबूल कर लिया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर बॉडी के मिट्टी में दबाए टुकड़ों को बरामद कर लिया है। पुलिस ने हथियार, सामान और कार को भी जब्त किया है। कावंटिया हॉस्पिटल में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाया गया है।
ताई की टोका-टाकी से था परेशान
पूछताछ में आरोपी अनुज ने बताया कि उसकी ताई कैंसर पीड़ित थी। अनुज ही इलाज के लिए उनको हॉस्पिटल लाया ले जाया करता था। बचपन से ही ताई टोका-टाकी करती रहती थीं। बच्चों के साथ खेलने भी नहीं देती थीं। भांकरोटा से बीटेक करने के बाद एक साल जयपुर में जॉब किया। इसके बाद ईस्कॉन मंदिर में दीक्षा ले ली। ज्यादातर समय अध्यात्म में जाने लगा। घर आने पर ताई की टोका-टाकी फिर भी बंद नहीं हुई। 11 दिसम्बर को भी घर से बाहर जाने को लेकर ताई ने मना किया। इसको लेकर दोनों में झगड़ा हो गया।
इस्कॉन ने किया इनकार
इस्कॉन जयपुर के सूचना प्रभारी धनुर्धर दास का कहना है कि आरोपी अनुज का इस्कॉन से कोई लेन-देना नहीं है। वह इस्कॉन संस्था से किसी भी रुप से जुड़ा नहीं था। उनका कहना है कि अनुज जिस मूवमेंट से जुड़ा था उसका किसी प्रकार से इस्कॉन से संबंध नहीं है।
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जयपुर में दिल्ली श्रद्धा मर्डर जैसा हत्याकांड सामने आया है। यहां एक इंजीनियर ने अपनी सगी ताई की सिर फोड़कर हत्या कर दी। रसोई में मर्डर करने के बाद आरोपी बॉडी को घसीट कर बाथरूम में ले गया। फिर बाजार से मार्बल कटर ले आया। इससे शव के 8 टुकड़े कर ट्रॉली बैग में भरे और मौका पाकर इन्हें दिल्ली-सीकर हाईवे पर तीन अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया।
पुलिस ने बताया कि वारदात विद्याधर नगर के सेक्टर-2 में 11 दिसंबर को हुई। सरोज देवी (62) ने अपने जेठ के बेटे अनुज शर्मा को एक धार्मिक कार्यक्रम में जाने से रोका तो वह तैश में आ गया और उनकी हत्या कर दी।
सरोज देवी की बेटियों पूजा शर्मा (38) और मोनिका ने इस मामले में 16 दिसंबर को अपनी मां के मर्डर का मामला दर्ज कराया। उन्होंने अपने चचेरे भाई अनुज शर्मा पर हत्या का शक जताया था। पुलिस ने अनुज को गिरफ्तार कर लिया है। (पूरी खबर पढ़ें..
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