राजेश गुलाटी ने अनुपमा गुलाटी के 72 #टुकड़े किए और D फ्रीजर में रक्खा आफताब ने श्रद्धा के 35 टुकड़े
पांडव नगर में पुलिस को रामलीला मैदान से लगातार इंसानी शरीर के टुकड़े मिल रहे थे. मामला क्राइम ब्रांच ने अपने हाथों में लिया और जांच शुरू की. करीब 5 महीने की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया....
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29 नवंबर 2022, दिल्ली
दिल्ली में श्रद्धा मर्डर केस जैसी एक और वारदात से लोग दहल गए. पांडव नगर में पुलिस को रामलीला मैदान से लगातार इंसानी शरीर के टुकड़े मिल रहे थे. मामला क्राइम ब्रांच ने अपने हाथों में लिया और जांच शुरू की. करीब 5 महीने की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया.... इसके लिए पुलिस ने रामलीला मैदान के आसपास के घरों में जाकर न सिर्फ फ्रिज की तलाशी ली, बल्कि लोगों से पूछा कि उनके आसपास कहीं से कुछ सड़ने की बदबू तो नह...
7 मई 2008
मुंबई में टेलीविजन प्रोड्यूसर नीरज ग्रोवर की 7 मई 2008 में हत्या कर दी गई थी. नीरज का कत्ल एमिली जेरोम मैथ्यू ने कन्नड़ अभिनेत्री मारिया मोनिका सुसाइराज के फ्लैट में किया था. कत्ल के बाद नीरज की लाश के 300 टुकड़े किए गए थे. फिर उन्हें जलाकर फेंक दिया गया था. इस मामले में मुंबई की एक अदालत ने नेवी में काम करने वाले एमिली जेरोम मैथ्यू को दोषी ठहराया था.
इस गुनाह में जेरोम मैथ्यू की मंगेतर कन्नड़ अभिनेत्री मारिया मोनिका भी आरोपी थी लेकिन अदालत ने उसे हत्या के आरोप से बरी कर दिया था. लेकिन उसे सबूत मिटाने का दोषी माना गया है. एमिली जेरोम मैथ्यू ने नीरज ग्रोवर का कत्ल इसलिए किया था...कि उसे शक था कि उसकी मंगेतर और टीवी प्रोड्यूसर नीरज के बीच समलैंगिक रिश्ता है.
17 अक्टूबर 2010
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हत्या की एक वारदात ने पुलिस को भी दहला दिया. एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने उस दिन अपनी बीवी की हत्या की..फिर उसकी लाश के छोटे-छोटे टुकड़े किए और उन्हें फ्रीजर में छिपा दिया. इसके बाद वो लाश का एक-एक टुकड़ा ठिकाने लगाता रहा. आरोपी पति का नाम राजेश गुलाटी ता. वो अपने फ्लैट में पत्नी अनुपमा की लाश के साथ रह रहा था.
राजेश ने उससे लव मैरिज की थी. कत्ल के बाद राजेश ने पत्नी की लाश के 70 टुकड़े किए थे. पुलिस जब राजेश के घर पहुंची, तब फ्रिजर से अनुपमा की लाश के टुकड़े मिले. पड़ोसी हैरान थे, क्योंकि हत्या करने के बावजूद राजेश उसी फ्लैट में अपने जुड़वा ...
24 अप्रैल 2016
ये वारदात हरियाणा के बहादुरगढ़ की थी. जहां आसंडा गांव निवासी बलजीत की शादी कुछ साल पहले पूजा नाम की महिला के साथ हुई थी. बलजीत दिल्ली जल बोर्ड में ठेकेदारी करता था. वह अक्सर काम से बाहर रहता था. इसी दौरान उसकी पत्नी पूजा का एक युवक के साथ प्रेम प्रसंग हो गया. आए दिन आशु बलजीत की .गैरमौजूदगी में पूजा से मिलने उसके घर आता था. पुलिस के मुताबिक 24 अप्रैल 2016 को बलजीत रोज की तरह काम पर गया था. लेकिन रात में अचानक वो अपने घर लौट आया घर में दाखिल होते ही उसके होश उड़ गए. उसकी पत्नी अपने प्रेमी आशु के साथ रंगरेलियां मना रही थी. उसका खून खौल उठा. लेकिन पकड़े जाने पर भी पूजा अपनी गलती पर शर्मिंदा होने की बजाय बलजीत से झगड़ने लगी. इस बीच आशु मौके का फायदा उठाकर भाग निकला. सी घटना के बाद पूजा ने खौफनाक साजिश रची. एक रात जब बलजीत सो रहा था तो उसने आशु को बुलाया और दोनों मिलकर उसका गला दबा दिया. जिससे उसकी मौत हो गई. फिर आशु वहां से चला गया और दो दिन तक पूजा लाश के साथ घर में अकेली रही. फिर उसने तेजधार हथियार से लाश के टुकड़े टुकड़े कर दिए. उसने एक लोहे के तसले में लाश के टुकड़े भरकर रख दिए. उसे बाहर जाने का मौका नहीं मिला लिहाजा लाश के टुकड़े सड़ने लगे और गंध पूरे इलाके में फैल गई. किसी ने पुलिस को सूचना दी और कत्ल का ये मामला खुल गया. पूजा और उसके प्रेमी को पुलिस ने धरदबोचा.
उस दिन यूएई के अल-ऐन शहर में मोरक्को से यूएई आकर नौकरी करने वाली एक महिला को पुलिस ने गिरफ्तार लिया दरअसल, अल-ऐन शहर में महिला और उसका ब्वॉयफ्रेंड लिव-इन में रहते थे. इसी दौरान महिला को छोड़कर उसके ब्वॉयफ्रेंड के संबंध उसकी एक रिश्तेदार से हो गए.महिला की रिश्तेदार से उसका ब्वॉयफ्रेंड शादी भी करना चाहता था. वारदात की रात सोने से पहले दोनों के बीच ज़बरदस्त झगड़ा हुआ था. रात में जब उसका ब्वॉयफ्रेंड सो गया तो उस महिला ने उसे मौत के घाट उतार दिया. बात यहीं खत्म नहीं हुई. महिला ने सारे सबूत मिटाने के लिए ब्वॉयफ्रेंड की लाश के टुकड़े-टुकड़े कर दिए. इसके बाद मिक्सर ग्राइंडर से लाश के बड़े टुकड़ों को छोटा किया. फिर उन टुकड़ों से महिला ने बिरयानी बनाकर खुद खाई और एक पाकिस्तानी पड़ोसी को भी खिलाई. बाकी बचे लाश के टुकड़ों को उसने कुत्तों को खिला दिया. लेकिन उसका गुनाह छुप न सका.
29 जनवरी 2019
उस दिन नेताजी सुभाष पैलेस थाने में शकूरपुर बस्ती में रहने वाली एक महिला ने अपने पति राम गोविंद के लापता होने की एफआईआर दर्ज कराई.गोविंद ओला कंपनी में अपनी हुंडई एसेंट कार चलाता था. पुलिस ने अपनी जांच शुरू की. कार में लगा जीपीएस मदनगीर से कापसहेड़ा बॉर्डर के बीच काम कर रहा था, इसके बाद बंद हो गया. उस रूट पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में भी कार दिखाई दी. राम गोविंद के मोबाइल फोन की लोकेशन से पुलिस आरोपियों तक जा पहुंची पुलिस ने एक पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में पता चला कि 29 जनवरी की रात एक बजे उन्होंने गुरुग्राम से गाजियाबाद के खैराती नगर जाने के लिए कैब... बुक की थी. दोनों को लेकर राम गोविंद गाजियाबाद पहुंचा था. आरोपी उसे अपने घर ले गए और चाय में बेहोशी की गोलियां मिलाकर पिला दी. गोविंद के बेहोश होने के बाद उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी. शव को कटर और उस्तरे से कई टुकड़े किए गए इन टुकड़ों को तीन बड़े बैगों में डालकर स्कूटी से ग्रेटर नोएडा के नाले में फेंक आए. पुलिस ने उनकी निशानदेही पर लाश के कुछ अंग बरामद कर लिए हैं.
4 फरवरी 2019
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में हड्डियों के डॉक्टर ने जिस तरह से कत्ल की वारदात को अंजाम दिया, उसे सुनकर लोगों का कलेजा मुंह को आ गया. कातिल एक डॉक्टर था, लिहाजा उसे मालूम था कि इंसानी जिस्म में कौन सी हड्डी कहां होती है और कैसे एक लाश के छोटे-छोटे टुकड़े किए जा सकते हैं 55 साल के हत्यारोपी डॉक्टर सुनील मंत्री ने प्लान बनाया था कि लाश के टुकड़ों को पहले एसिड में जला देगा फिर अवेशष तेजाब समेत किसी नाले में बहा देगा लेकिन वीरेंद्र की पिता की वजह से उसका प्लान धरा का धरा रह गया. आरोपी डॉक्टर सुनील इटारसी के सरकारी अस्पताल में तैनात है. वह हड्डी रोग विशेषज्ञ है. उसने सोमवार को आनंदनगर में अपने घर में ही 30 वर्षीय ड्राइवर वीरेंद्र पचौरी उर्फ वीरू का मर्डर किया था.वहीं उसने लाश के कई छोटे टुकड़े दिए थे. फिर उन्हें गलाने के लिए तेजाब भरे ड्रम में डाल दिया था. पुलिस का कहना है कि कत्ल की ये वारदात अवैध संबंधों की वजह से की गई. आरोप है कि वीरेंद्र की पत्नी के डॉक्टर सुनील के साथ अवैध संबंध थे. जब ये बात वीरेंद्र को पता चला तो उसने डॉक्टर को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया ये सिलसिला करीब एक साल तक चलता रहा. उसी से परेशान होकर डॉक्टर ने कत्ल की ऐसी खौफनाक साजिश रची कि पेशेवर कातिल भी घबरा जाएं. डॉक्टर मर्डर का पूरा प्लान बना चुका था. उसने दो दिनों तक बाजार से तेजाब की एक-एक लीटर वाली कई बोतलें खरीदी. फिर वो लोहे की चार आरियां भी खरीद कर लाया. वीरेंद्र को रास्ते से हटाने के लिए उसे पास लाना ज़रूरी था. लिहाजा डॉक्टर ने उसे 3 फरवरी को अपना यहां ड्राइवर रख लिया. फिर 4 फरवरी के दिन जब वीरेंद्र के दांत में दर्द हुआ तो डॉक्टर सुनील ने इलाज के बहाने उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया.
बस यहीं से उसने अपनी खूनी साजिश को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया. पहले उसने आरी से वीरेंद्र की गर्दन काटकर धड़ से अलग कर दी फिर अपने बाथरूम में उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए. उस सभी टुकड़ों को डॉक्टर ने तेजाब से भरे एक ड्रम में डाल दिया. डॉक्टर होने के नाते उसे पता था कि.इंसान का शरीर कैसे गलता है. कैसे हड्डियां कटती हैं. लिहाजा उसने बड़े सलीके से इस वारदात को अंजाम दिया.
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